
कांजी एक पारंपरिक भारतीय फर्मेंटेड पेय है, जो स्वाद और स्वास्थ्य दोनों के लिए जाना जाता है। बीटरूट से बनी कांजी विशेष रूप से रंग-बिरंगी, स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसे मुख्य रूप से उत्तर भारत में सर्दियों के मौसम में पिया जाता है, क्योंकि यह पाचन को सुधारने और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती है।बीटरूट कांजी बनाने के लिए उबले हुए बीटरूट के टुकड़े, सरसों का पाउडर, हींग, नमक और पानी को मिलाकर कांच के जार में 3–5 दिनों तक धूप में रखा जाता है। यह प्राकृतिक रूप से फर्मेंट होकर एक हल्का खट्टा और तीखा स्वाद विकसित करता है। फर्मेंटेशन के दौरान इसमें प्रोबायोटिक बैक्टीरिया विकसित होते हैं, जो आंतों के लिए फायदेमंद होते हैं।यह ड्रिंक न केवल पेट की समस्याओं को दूर करता है, बल्कि शरीर को डिटॉक्स भी करता है। बीटरूट में आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स भरपूर मात्रा में होते हैं, जिससे यह खून बढ़ाने और त्वचा निखारने में भी सहायक है।बीटरूट कांजी एक पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक स्वास्थ्य का सुंदर मेल है, जिसे हर उम्र के लोग अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।